Sunday, 18 January 2015

नोबल मिलने के बाद बाल अधिकार आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है-कैलाश सत्यार्थी

 लोकमत समाचारलोकमत (मराठी) और LOKMAT TIMES 
पुरस्कार और सम्मान तो उन्हें पहले भी बहुत मिलते रहे हैं लेकिन पिछले अक्तूबर महीने में पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफ जई के साथ भारत में बाल अधिकार कार्यकर्ता, बचपन बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष कैलाश सत्यार्थी के संयुक्त रूप से वर्ष 2014 के शांति के नोबल पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद से उनकी दुनिया ही बदल सी गई है. आज वह भारत के व्यस्ततम लोगों में से हैं. उनसे मिलने, साक्षात्कार मांगने, उन्हें सुनने के लिए अनुरोध-आमंत्रणों की भरमार सी लगने लगी   है. वह खुद बताते हैं कि नोबल पुरस्कार  मिलने के बाद उन्हें पूरी दुनिया से 11 हजार से अधिक आमंत्रण मिल चुके हैं. अपने व्यस्त  कार्यक्रमों के बीच कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबल पुरस्कार और बाल दासता के विरुद्ध उनके बाल अधिकार अभियान से जुड़े तमाम मुद्दों पर बातचीत के अंश: 

Kailash Satyarthi interview published in LOKMAT on 16 january 2015